जिंदगी कैसी ये पहेली हाएं...कभी ये हसाए तो कभी ये रुलाए...वाकई में
जिंदगी की परिभाषा को समझना बहुत ही मुश्किल है। उपनिषद् कहते हैं, चरैवेति
चरैवेति...अर्थात चलते रहो...चलते रहो...चलना ही जिंदगी है। मैंने जिंदगी
से क्या सीखा है, उसे शब्दों के माध्यम से आपके समक्ष रखती हूं।
कभी हंसाती है तो कभी रुलाती है जिंदगी
जिंदगी / जीवन पर हिंदी कविता
Best Hindi Poem on Life
कभी हंसाती है तो कभी रुलाती है जिंदगी
तितलियाँ की तरह रंग बिखेरती है जिंदगी
कभी मिलना है तो कभी है बिछडना
जिंदगी की राहों में हरदम चलते ही रहना
जिंदगी तो नाम है जिन्दादिली का
जीवन में कुछ कर गुजरने का
चाहे कैसे भी पल आये जिंदगी में
पर हारना नही जिंदगी के डगर में
मौसम के जैसे बदलते हे जिंदगी के रंग
हर पल लड़ता है इन्सान कोई न कोई जंग
कभी जिंदगी खुशियों से हमारा दामन भर देती
कभी आँखों में आंसू की धारा है बहती
जिंदगी में आये चाहे कैसे भी मजबूरी
हर संभव लड़ते रहने में ही है समझदारी
मोमबत्ती की तरह जलकर प्रकाश है फैलाना
फूलों के भांति सुगंध जीवन भर महकाना
ग़मों के पलों में भी हसके है रहना
दिन दुखियो के आंसू पूछ कर उन्हें गले है लगाना
जिंदगी के हर मुश्किलों को करेंगे हम पार
हर हाल में बनाना है अपना व्यक्तिमत्व दमदार
याद रखे दुनिया हमें ऐसा करेंगे काम
जाते-जाते रोशन कर जायेंगे देश-परिवार का नाम
सफलताओं की योगनाओं को हमें देना है आकर
हर एक स्वप्न को करना है जिंदगी में साकार
दोस्तों...आशा है, जिंदगी पर बनाई हुई यह स्वरचित मेरी कविता आपको बेहद
पसंद आई होगी। भगवान से यही प्रार्थना करती हूं, कि हम सभी जिंदगी को
जिंदादिली से जिएं। अपने दोस्तों के साथ भी इस कविता को जरूर शेयर करें।
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Bahoot achhe...
ReplyDeleteAwesome Poem on life
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