मुंबई पर जब आतंकवादियों ने हमला किया उस वक्त जो हमारे जवान शहीद हुए थे, उन शहीदों की याद मेँ मैने यह कविता बनाई थी। आज हम अपने देश के जवानों के कारण ही चैन की सांस ले पा रहे हैं। हमारा जीवन सुरक्षित हैं। सेना का जीवन एक महान तपस्या की तरह होता है। देश का सच्चा सैनिक अपने परिवार, रिश्तेदार को छोड़कर बहुत ही इमानदार, निष्ठा के साथ अपने देश के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करता है। अपने प्राणों की आहुति देता है। हमें हमारे शहीदों पर गर्व है क्योंकि उन्होंने हमारी रक्षा की, सुरक्षा की।इस आतंकवादी हमले में, न जाने कितने ही मां का लाडला उनसे बिछड़ गया, कितने ही सुहागन का सुहाग उजड़ गया, न जाने कितने ही बच्चे अनाथ हो गए, घर का कर्ता ही अब उनके साथ नहीं, अब किस के सहारे वे अपनी जिंदगी का सफर तय करेंगे?
कई साल हो चुके है हमें आझादी पाकर
हमें संकल्प करना है, हमारे देश की रक्षा के लिए सरहद पर जाकर अगर हमें लड़ना भी पड़े तो हम उसके लिए कभी पीछे नहीं हटेंगे। जिन शहीदों ने अपने देश के लिए अपनी जान की बाजी लगाई है, उनके आगे हम नतमस्तक होते हैं और उनसे यही प्रेरणा लेते हैं हम भी अपने देश के लिए हंसते-हंसते अपनी जान न्योछावर करेंगे। हम देश की सेवा में स्वयं को समर्पित करेंगें एवं अपने देश और परिवार का नाम गौरवान्वित करेंगें।
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भगवान उंहें इस पहाड़ जैसे दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। उनके दुख को दूर करने का साहस मुझ में नहीं हैं, बस अपने स्व रचित काव्य पंक्तियों के द्वारा उंहें श्रद्धांजलि अर्पण करती हूं।
शहीदों पर बनाई हुई कविता "शहीदों को श्रद्धांजलि"
Hindi Poem on 26/11 Mumbai Attack
कई साल हो चुके है हमें आझादी पाकर
आझादी मिली है हमें कितनी जाने गवाकर
गांधीजी, लोकमान्य, नेहरू, भगतसिंग
और न जाने कितने बने हमारे देश के किंग
इन्होने ही किया अंग्रेजो का सफाया
और देश में हमारे तिरंगा लहराया
आज फिर से आतंकवादियों ने हमला किया है देशपर
इसका भी सामना हम कर रहे है डटकर
इतना सरल नही है हमारे सामने उनका टिक पाना
क्योकि उन्नीकृष्णन, करकरे, कामटे, सालसकर जैसा है हमारे पास खजाना
इन देशवीरो ने अपनी जान है गवाई
अंतिम साँस तक की है आतंकवादीयों से लढाई
दो पल आँख बंद कर उन्हें नही दी जाती श्रद्धांजली
और न ही मोमबत्ती जलाकर दी जाती है आदरांजलि
भावभरी श्रद्धांजली तो वास्तव में तब मिलेगी
जब इन आतंकवादियों से हमें राहत मिलेगी
हम सभी को एक होकर अपनी ताकद को है बढ़ाना
“हम सब एक है” इस बात को है अपनाना
जो भी डालेगा बुरी नजर हमारे देश पर
वो कैसे रह सकता है हम से बचकर ?
हम युवा ही है देश की ताकद
क्योंकि हम में ही छुपा है उन्नीकृष्णन और सालसकर
तो क्यों न हम साथ चलकर आगे-आगे बढ़ते जाये
और इन आतंकवादियों का नामोनिशान को मिटाते जाये
हमें संकल्प करना है, हमारे देश की रक्षा के लिए सरहद पर जाकर अगर हमें लड़ना भी पड़े तो हम उसके लिए कभी पीछे नहीं हटेंगे। जिन शहीदों ने अपने देश के लिए अपनी जान की बाजी लगाई है, उनके आगे हम नतमस्तक होते हैं और उनसे यही प्रेरणा लेते हैं हम भी अपने देश के लिए हंसते-हंसते अपनी जान न्योछावर करेंगे। हम देश की सेवा में स्वयं को समर्पित करेंगें एवं अपने देश और परिवार का नाम गौरवान्वित करेंगें।
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True tribute to the Martyrs..👍
ReplyDeletethanku so much
DeleteNice
DeleteThanks
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